1. प्राचीन भारत (Harappan Civilization, Vedic Age)
1.1 सिंधु घाटी सभ्यता (Harappan Civilization)
भारत का सबसे पहला शहरी सभ्यता का प्रमाण हमें सिंधु घाटी सभ्यता से मिलता है, जो लगभग 2500 ईसा पूर्व से 1750 ईसा पूर्व के बीच फली-फूली। यह सभ्यता आज के पाकिस्तान और पश्चिमी भारत में फैली हुई थी।मुख्य विशेषताएँ
- शहर नियोजन – हरप्पा और मोहनजोदड़ो जैसे शहरों में ग्रिड पैटर्न पर बस्तियाँ, पक्की ईंटों के घर, नालियाँ और सड़कें।
- जल निकासी व्यवस्था – दुनिया की सबसे पुरानी और उन्नत ड्रेनेज सिस्टम।
- कृषि – गेहूं, जौ की खेती, बैलों और हल का प्रयोग।
- व्यापार – मेसोपोटामिया तक व्यापार के प्रमाण, सील-मुद्राएँ।
- धार्मिक जीवन – मातृदेवी की पूजा, पशुपति जैसी आकृतियाँ, प्रकृति पूजन।
- पतन के कारण – जलवायु परिवर्तन, बाढ़, नदियों का मार्ग बदलना, आक्रमण।
1.2 वैदिक युग (Vedic Age)
सिंधु घाटी के बाद भारतीय इतिहास का अगला चरण वैदिक काल है, जिसे दो भागों में बाँटा जाता है –1. ऋग्वैदिक काल (1500-1000 ई.पू.)
- समाज जन (Tribe) आधारित था।
- मुख्य व्यवसाय पशुपालन और कृषि।
- राजा का कार्य रक्षा और बलि का आयोजन।
- स्त्रियों को स्वतंत्रता और सम्मान।
2. उत्तर वैदिक काल (1000-600 ई.पू.)
- लौह के प्रयोग से कृषि का विस्तार।
- वर्ण व्यवस्था कठोर हुई।
- महाजनपदों का उदय।
- धार्मिक अनुष्ठानों में यज्ञ प्रथा बढ़ी।
2. मौर्य, गुप्त, संगम और दक्षिण भारत
2.1 मौर्य साम्राज्य (Mauryan Empire)
भारत के इतिहास में पहला सबसे बड़ा साम्राज्य मौर्य साम्राज्य था।- स्थापना – चन्द्रगुप्त मौर्य ने 321 ई.पू. में।
- चन्द्रगुप्त मौर्य – यूनानी सेनापति सेल्युकस को हराया, चाणक्य (कौटिल्य) के मार्गदर्शन में शासन।
- बिन्दुसार – साम्राज्य को दक्षिण भारत तक फैलाया।
- अशोक महान – कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपनाया, धर्म प्रचार किया।
- प्रशासन – केंद्रीकृत शासन, जासूसी तंत्र, कर व्यवस्था।
- महत्व – राजनीतिक एकीकरण, कला (अशोक के स्तंभ), प्रशासनिक ढाँचा।
2.2 गुप्त साम्राज्य (Gupta Empire)
गुप्त काल को अक्सर भारत का स्वर्ण युग कहा जाता है।- शासक – श्रीगुप्त, चन्द्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त (नेपोलियन ऑफ इंडिया), चन्द्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य)।
- विज्ञान और गणित – आर्यभट्ट, वराहमिहिर।
- साहित्य – कालिदास, विष्णु शर्मा।
- कला – अजंता-एलोरा की गुफाएँ।
- अर्थव्यवस्था – सोने के सिक्के (दीनार)।
2.3 संगम और दक्षिण भारत
दक्षिण भारत का सांस्कृतिक विकास संगम साहित्य से समझा जा सकता है।- चोल, पांड्य, चेर वंश
- संगम कवियों ने तमिल साहित्य को समृद्ध किया।
- समुद्री व्यापार का विकास (रोमन साम्राज्य तक)।
- मंदिर स्थापत्य और मूर्तिकला का विकास।
3. मध्यकालीन भारत (Delhi Sultanate, Mughals, Bhakti-Sufi)
3.1 दिल्ली सल्तनत (1206-1526)
दिल्ली सल्तनत की शुरुआत 1206 में कुतुबुद्दीन ऐबक से हुई।- गुलाम वंश, खिलजी, तुगलक, सैय्यद, लोदी वंश।
- प्रशासन – केंद्रीकृत व्यवस्था, इक्तादारी प्रणाली।
- सांस्कृतिक योगदान – कुतुब मीनार, अलाउद्दीन खिलजी के बाज़ार सुधार।
3.2 मुगल साम्राज्य (1526-1707)
- बाबर – पानीपत की पहली लड़ाई (1526)।
- अकबर महान – धार्मिक सहिष्णुता, दीन-ए-इलाही, नवरत्न।
- जहाँगीर, शाहजहाँ – कला और स्थापत्य (ताजमहल)।
- औरंगज़ेब – साम्राज्य का अधिकतम विस्तार, लेकिन धार्मिक असहिष्णुता से पतन।
3.3 भक्ति और सूफी आंदोलन
- भक्ति संत – कबीर, तुलसीदास, मीराबाई, गुरु नानक।
- सूफी संत – ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, निजामुद्दीन औलिया।
- महत्व – सामाजिक समानता, धार्मिक सहिष्णुता, हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश।
⚓ 4. आधुनिक भारत की शुरुआत (यूरोपियों का आगमन, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी)
4.1 यूरोपियों का आगमन
- पुर्तगाली – वास्को-डी-गामा (1498)
- डच, अंग्रेज़, फ्रांसीसी – व्यापारिक केंद्र स्थापित किए।
- 1600 में स्थापना।
- बंगाल, मद्रास, बॉम्बे में फैक्ट्री।
- 1757 का प्लासी युद्ध – बंगाल पर नियंत्रण।
- 1764 का बक्सर युद्ध – दीवानी अधिकार।
- धीरे-धीरे भारत पर राजनीतिक अधिकार।
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