हमारा सौरमण्डल
रात के समय आकाश में हमको अनेक चमकती हुई आकृतियाँ दिखाई देती हैं ! प्रथ्वी से आकाश में दिखाई देने वाली ये सभी आकृतियाँ, आकाशीय पिंड या खगोलीय पिंड कहलाते है इनमे सूर्य, चंद्रमा, तारे आदि शामिल हैं !
- तारे गर्म गैसों से बने गोले है ! इनमे स्वयं द्वारा उत्पन्न प्रकाश एव ऊष्मा होती है ! हमारे आकाश में अरबों तारे है ! बहुत से तारे हमसे इतने अधिक दूर है की हम उन्हें बिना शक्तिशाली दूरदर्शी के नहीं देख सकते है ! हमारा सूर्य भी एक तारा है जो प्रथ्वी के सबसे निकट है !
- रात्रि के समय आकाश में हमें तारो का समूह द्वारा बनाइ गई विभिन्न आकृतियां दिखाई देती है ! इन्हें नक्षत्र मण्डल कहते है
- खगोलविदों के अनुसार आकाश में कुल 88 नक्षत्रमण्डल हैं ! इनमे से आसानी से पहचाने जाने वाले कुछ प्रमुख नक्षत्रमण्डल है - ओरियन, अर्सा मेजर (बिग बियर) कैनिस मेजर (ग्रेट डॉग) एवं स्माल बियर (सप्तर्षि मण्डल) ! प्राचीन काल से ही सप्तर्षि मण्डल एवं ध्रुवतारे की सहायता से उत्तर दिशा का निर्धारण किया जाता रहा है
➤ सौरमण्डल (Solar System):-
सूर्य, आठ गृह व् इन ग्रहों के उपग्रह तथा कुछ अन्य खगोलीय पिंड जैसे - क्षुद्र-गृह, पूछल तारा एवं उल्कापिंड मिलकर सौरमंडल का निर्माण करते हैं ! इसे हम सौर परिवार भी कहते है, क्योकि सौर परिवार का मुखिया सूर्य है ! यह हमारे सौर मण्डल के केंद्र में स्थित है ! सूर्य के गुरुत्वाकर्षण बल (खिंचाव) के प्रभाव के कारण सौर परिवार के अन्य सदस्य सूर्य के चारो और परिक्रमा करते रहते हैं !
- सूर्य तथा उसके चारो और चक्कर लगाने वाले समस्त खगोलीय पिण्डो के समूह को सौर परिवार कहते है !
➤ सूर्य (Sun):-
सूर्य सौरमंडल के केंद्र में स्थित, अत्यधिक गर्म गैंसो से बना तारा है ! इसमें मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैंसे पाई जाती हैं! यह बहुत बड़ा है, हमारी प्रथ्वी से लगभग 13 लाख गोले इसमें समां सकते हैं! सूर्य हमारी प्रथ्वी से लगभग 8 मिनट 19 सेकेण्ड में सूर्य से प्रथ्वी तक पहुँचता है !
➤ गृह (Planet):-
जो आकाशीय पिण्ड अपने तारे के चारो और निर्धारित कक्षा में चक्कर लगते हैं! उन्हें गृह कहते हैं! इनमे स्वय का प्रकाश व् ऊष्मा नहीं होती है! ये अपने तारे के प्रकाश से ही प्रकाशित होते हैं! जैसे हमारी पृथ्वी, सूर्य के चारो ओंर चक्कर लगाती है!
- हमारे सौरमंडल में 8 गृह हैं! सूर्य से बढती दूरी के अनुसार इनका क्रम इस तरह है - बुध ( Mwecury ), शुक्र ( Venus ), पृथ्वी (Earth ), मंगल ( Mars ), ब्रहस्पति ( Jupiter ), शनि ( Saturn ), अरुण ( Uranus ) और वरुण ( Naptune ) ! सौरमंडल के सभी 8 गृह अपनी धुरी पर घूमते हैं और चक्कर लगते हैं! शुक्र व् अरुण गृह को छोड़कर शेष सभी गृह घडी की सुई की विपरीत दिशा ( anticlockwise ) में अपनी कक्षा की परिक्रमा करते है! ग्रहों का अपनी धुरी पर घूमना परिभ्रमण ( Rotation ) एवं सूर्य के चारो और घूमना परिक्रमण ( Revolution ) कहलाता है
➤ प्रथ्वी (Earth):-
सूर्य से दूरी के क्रम में प्रथ्वी तीसरा गृह है! आकार में यह पांचवा सबसे बड़ा गृह है! हमारी प्रथ्वी लगभग गोल आकर की है, यह ध्रुवों पर थोड़ी चपटी तथा मध्य में थोड़ी उभरी हुई है! इसलिए इसके आकार को भुआभ कहा जाता है! ऐसा अनुमान है की जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियां, संभवत: केवल प्रथ्वी पर पाई जाती है इसलिए इसे हरित गृह भी कहा जाता है! प्रथ्वी पर जल की अधिकता के कारण यह अंतरिक्ष से देखने पर नील रंग की दिखाई देती है! इसलिए इसे नीला गृह भी कहा जाता है !
- अन्तरिक्ष से देखने पर प्रथ्वी नीली दिखाई देती है जबकि प्रथ्वी का वायुमंडल अन्तरिक्ष से देखने पर कलि दिखाई देती है !
➤ उपग्रह (Satellite):-
कुछ आकाशीय पिंड अपने गृह की परिक्रमा करते हुए सूर्य की परिक्रमा करते हैं! अपने गृह की परिक्रमा करने के करण इन्हें उपग्रह कहते हैं ! जैसे चन्द्रमा प्रथ्वी की परिक्रमा करता है! यह प्रथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उप गृह है!
➤ चन्द्रमा (Moon):-
हमारी प्रथ्वी का एकमात्र उपग्रह चन्द्रमा है! इसका व्यास प्रथ्वी का एक चौथाई है! प्रथ्वी से इसकी दूरी लगभग 3,84,000 किलोमीटर है! यह सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है! चन्द्रमा से परावर्तित प्रकाश जब प्रथ्वी के धरातल पर पड़ता है तो, चन्द्रमा के इस प्रकाश को चांदनी कहते है !
➤ क्षुद्र गृह (Asteroides):-
मंगल एवं ब्रहस्पति की कक्षाओके बीच असंख्य छोटे-छोटे पिंड पाए जाते हैं! ये भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं! इन्हें क्षुद्रगृह, ग्रहों के टुकड़े जो करोडो वर्ष पहले विस्फोट से बिखर गए थे !
➤ उल्का पिण्ड (Meteoroids) व उल्काश्म :-
कुछ समय का इन्तजार करें !
➤ पूछल तारे (Comets):-
कुछ समय का इन्तजार करें !
➤ कुइपर मेखला (Kuiper-Belt):-
कुछ समय का इन्तजार करें !
➤ ब्रहमाण्ड (Universe):-
कुछ समय का इन्तजार करें !
➤ ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति -बिग बैंग :-
कुछ समय का इन्तजार करें !
➤ प्रकाश वर्ष (Light Year):-
कुछ समय का इन्तजार करें !
➤ कृष्ण विवर (Black Hole):-
कुछ समय का इन्तजार करें !
Post a Comment
0 Comments